कोरबा :- लकवाग्रस्त व्यवस्था के उदाहरण कोरबा शहर में दिख रहे है। अरसे की परेशानी के बाद मुड़ापार अमरैया इम्लिडुग्गु बायपास रोड को सुधारने के लिए 2 करोड़ से डामरीकरण कराया जा रहा है। इस काम के कराए जाने के लिए कोयला वाहनों को एसईसीएल बेरियर से मानिकपुर चौकी होते हुए रूट डायवर्ट किया गया है। इसके बावजूद भारी वाहनों का संचालन पुराने रास्ते से हो रहा है , वह भी प्रतिबंध अवधि में। इस तरह नो एंट्री की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इससे वर्तमान में निर्माणाधीन सड़क के टिकाऊ साबित होने की शत प्रतिशत शंका बनी हुई है। सवाल उठ रहा है कि क्या नागरिकों की सहूलियत प्राथमिकता है या ट्रांसपोर्टर्स का दवाब ??
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