कोरबा । कोरबा सहित छत्तीसगढ़ के कई जिलों में QLOF एप्प में छोटी रकम निवेश करके चंद दिनों में रकम कई गुना होने का खेल चलाकर ऑनलाइन ठगों ने छत्तीसगढ़ के लाखों लोगों के रकम निवेश कराए। शुरूआत में रकम जमा करने वालों को कपांउड मनी के नाम पर मोटी रकम व प्रतिदिन सैलरी देकर झांसे में लिया जाता रहा। वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से ऑनलाइन ठगों का गिरोह कड़ी मेहनत करके और लोगों को जोड़कर लखपति बनने के लिए प्रोत्साहित करता रहा। करीब 8-10 माह से चल रही QLOF कंपनी का मकड़जाल कोरबा के शहर से लेकर गांव-गांव तक में फैल गया
सरकारी कर्मचारी, निजी कर्मचारी, किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं और तो और स्कूल व कॉलेज के छात्र भी QLOF से जुड़ गए। कहीं और के लिए जुटाया गया रकम जल्द कई गुना करके ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में कोरबा के हजारों लोग QLOF में जुड़े और अपने रिश्तेदारों व परिचितों को जोड़ते चले गए। लोगों को उम्मीद थी कि QLOF कंपनी का पैसा शेयर मार्केट या क्रिप्टो करैंसी में लग रहा है जहां से मिल रहे फायदे से वह उपयोगकर्ताओं को रकम कई गुना करके दे रही है। लेकिन वास्तविकता ऐसा नहीं बल्कि लोगों का जमा किया गया पैसा ही दूसरे लोगों को कई गुना करके दिया जा रहा था जिससे अधिक से अधिक लोग जुड़े और करोड़ों रुपए समेटने के बाद ऑनलाइन ठग भाग सके। एक सप्ताह से QLOF कंपनी कभी साइबर अटैक तो कभी सिस्टम क्रैस होने के बहाने लोगों की रकम निकासी बंद करके अपडेट का बहाना कर रही थी। लोगों से वादा किया गया था कि शुक्रवार 28 जून की सुबह 7 बजे से सिस्टम सही हो जाएगा और निकासी असानी से होने लगेगी। वादे के मुताबिक सुबह QLOF एप असानी से खुला और लोगों रकम ट्रांसफर करने लगे। लेकिन बैंक एकांउट में रकम नहीं पहुंचा और शाम को रकम वापस एप में रिफंड होने का मैसेज मिल गया। लोग ठगी को समझ पाते इससे पहले ऑनलाइन ठगों ने एक बार फिर से ग्राहकों को मूर्ख बनाने की चाल के रूप में QLOF एप कंपनी को भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो से एक नोटिस मिलने और अब से, प्रत्येक नकद निकासी राशि संबंधित विभागों और एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी और समीक्षा के अधीन होने का जिक्र किया गया। धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने और समीक्षा पारित होने के बाद, बैंक निकासी अनुरोध के 1-3 दिनों के भीतर निकासी राशि उपयोगकर्ता के बैंक खाते में भेजने का उल्लेख किया गया। ग्राहक इंतजार में लग गए कि थोड़ी देर बाद फिर से एक मैसेज भेजा गया। जिसमें भारत सरकार की अनुपालन आवश्यकताओं का अनुपालन करने के लिए ग्राहकों के QLOF खाते का केवाईसी सत्यापन आवश्यक बताया गया। केवाईसी प्रमाणीकरण पूरा करने के लिए 6,000 रुपए ग्राहकों को स्वयं के बैंक खाते या यूपीआई खाते से जमा करने को कहा गया। इस तरह QLOF कंपनी ने ग्राहकों के पहले से कंपनी में जमा रकम को हड़पने के साथ ही केवाईसी प्रमाणीकरण के बहाने और 6 हजार रुपए ठगने का प्रयास शुरू कर दिया है।
QLOF खाता फ़्रीज़ करने का मैसेज, निवेशक चिंतित
पहले ही रकम निवेश कराकर ठगी कर चुकी QLOF कंपनी ने अब QLOF खाते के केवाईसी सत्यापन का जाल फेंका है। जिसमें दो दिन के भीतर 29 जून, 2024 – 30 जून, 2024 तक 6 हजार रुपए जमा करके केवाईसी सत्यापन कराने वालों को कही सोमवार से लेनदेन जारी रखने और सत्यापन नहीं कराने वालों का QLOF खाता पूरी तरह फ़्रीज़ करने का मैसेज देकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस मैसेज के बाद कई निवेशक जहां डूबी रकम को वापस पाने की उम्मीद से कथित केवाईसी सत्यापन कराने के चक्कर में 6-6 हजार जमा कर रहे हैं तो बड़ी संख्या में निवेशक चिंतित है।
महादेव एप जैसा मकड़जाल, जांच- पड़ताल जरूरी
विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में महादेव एप का खुलासा हुआ। उसी तर्ज पर QLOF कई महिनों से चल रहा था। लेकिन किसी की ओर से आमजन को जागरूक करने को मैसेज किया गया और न ही किसी ग्राहक ने ज्यादा जानने की कोशिश की। कई गुना मुनाफा के चक्कर में सब फंसते चले गए। कहा तो यह भी जा रहा है कि qlof महादेव सट्टा का ही चैनल है। ऐसे में सरकार की ओर से महादेव एप की तरह ही QLOF एप के मामले में जांच-पड़ताल करते हुए ऑनलाइन ठगों को पकड़ना चाहिए