Friday, October 18, 2024

      दीपका कालोनी मे हुये एसईसीएल कर्मी की अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने 24 घण्टे के अंदर सुलझाया

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      पत्नी ने ही कराई सुपारी देकर अपने पति की हत्या।

      शादी के सालगिरह के दिन कराई अपने पति की हत्या।

      हत्या में प्रयुक्त टंगिया एवं आरोपी के खून लगे कपड़े, जूता तथा मोटर सायकल जप्त

      कोरबा। दीपका थाना अंतर्गत गेवरा कॉलोनी के ऊर्जा नगर में हुए एसईसीएल कर्मी जगजीवन रात्रे की हत्या के मामले को 24 घंटे के भीतर सुलझाते हुए पुलिस द्वारा दो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।

      प्रेसवार्ता कर नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रोबिनसन गुड़िया द्वारा मामले की जानकारी देते हुए बताया गया की वारदात की मुख्य आरोपी मृतक की पत्नी है, उसने अपने परिचित को सुपारी देकर पति की हत्या कराई है। हत्या के पीछे वजह पति द्वारा शराब पीकर आए दिन मारपीट कर बेइज्जत करना बताया गया है।

      आरोपिया के बार बार बयान बदलने से हुआ संदेह

      मृतक जगजीवन रात्रे की पत्नि धनेश्वरी रात्रे से पुलिस के पूछताछ पर वह बार-बार बयान बदलकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रही थी। पुलिस टीम को उसपर संदेह हो गया। कड़ाई से पूछताछ पर धनेश्वरी बाई रात्रे टूट गई और सुपारी देकर पति की हत्या करवाना बताया। पति जगजीवन की मौत के बाद उसे एसईसीएल में अनुकंपा और उसकी जायदाद मिल जाती।

      24 मई 2013 को हुई धनेश्वरी की शादी

      धनेश्वरी की शादी 24.05.2013 को जगजीवन रात्रे के साथ हुई थी। जगजीवन शादी के बाद से हमेशा शराब पीकर मारपीट कर बेईजत्ती करता था। परेशान होकर उसने कई माह पहले अपने पति जगजीवन राम रात्रे की हत्या करने की योजना बनाई। उसने अपने परिचित के तुषार सोनी उर्फ गोपी से संपर्क कर उसे पैसे की लालच देकर अपने पति जगजीवन रात्रे की हत्या करने के लिये तैयार कर लिया। मार्च 2023 में अपने जेवर बेचकर अपने पति की हत्या करने के लिये तुषार को सुपारी की रकम 50000/-हजार रुपए एडवांस में दी थी। इस दौरान आरोपी तुषार सोनी उर्फ गोपी एक पुराने मामले के गिरफ्तारी वारण्ट में जेल चला गया था। तुषार सोनी के जेल से छूटने के पश्चात धनेश्वरी बाई रात्रे फिर तुषार सोनी को अपने पति की हत्या करने के लिये बार-बार फोन करने लगी। तब वह तैयार हो गया।

      ऐसे पहुंचा आरोपी और दिया घटना को अंजाम

      तुषार सोनी मगंलवार 24.05.2023 की रात्रि करीबन 12 बजे के मध्य अपने एवेंजर मोटर सायकल में टंगिया को बांधकर पहुँचा और जगजीवन राम के क्वाटर का दरवाजा खटखटाया। तब जगजीवन रात्रे दरवाजा खोला तब आरोपी तुषार उसे तुम्हारी पत्नि के बारे में कुछ बताना है कहकर बोला और जगजीवन से ठण्डा पानी मांगा। जब जगजीवन बोतल में पानी लेकर आया तो तुषार टंगिया से हमला कर उसकी हत्या कर दी। हत्या करते समय जगजीवन की पत्नी धनेश्वरी बाई उसे देख रही थी। हत्या के बाद धनेश्वरी अपने मोबाईल फोन को तोड़कर फेंकने के लिये तुषार को दी थी। बकाया रकम एक सोने का हार और 6000/-हजार रुपए नगद फिर से तुषार को हत्या करने बाद दी थी।जिसके बाद वह वहां से भाग निकला।

      आरोपीयों को 24 घंटे के भीतर पकड़ने में इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका

      पुलिस अधीक्षक कोरबा यू. उदय किरण के निर्देश पर अंधे कत्ल के मामले को 24 घंटे के भीतर सुलझाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा,नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रोबिनसन गुड़िया,प्रशिक्षु आईपीएस रोहित शाह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी दीपका अविनाश सिंह एवं साइबर सेल कोरबा प्रभारी निरीक्षक सनत सोनवानी के कुशल नेतृत्व में सउनि परमेश्वर सिंह, जितेश सिंह, धनजंय नेटी, आरक्षक जगजीवन कंवर, शेखसहबान, अशोक कोर्राम् इन्द्रदेव कंवर, सैनिक निर्मल सिदार, सायबर सेल से प्रआर० राम पांडेय, चंद्रशेखर पांडेय, गुनाराम सिन्हा, राजेश कंवर, चक्रधर सिंह राठौर, आरक्षक डेमन ओगरे, प्रशांत सिंह, विरकेश्वर, रवि चौबे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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