कोरबा:-राष्ट्रीय विधिक सेवा
प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली एवं मान. छ.ग. राज्य
विधिक
सेवा प्राधिकरण
बिलासपुर के निर्देशानुसार
मान.उच्चतम न्यायालय के द्वारा रिट पीटिशन (क्रिमीनल) क्रमांक 04/2021जमानत देने के लिए नीतिगत रणनीति
एवं एसएलपी (क्रिमीनल) 529/2021 सोनाधर बनाम छ.ग. राज्य में सम
य पर दिए गए दिशा-निर्देशों को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जेलों में दिनांक 02 अप्रैल 2023 को जेल में निरूद्ध बंदियों की रिहाई के संबंध में ‘राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत‘का आयोजन किया गया।
वृहद लोक अदालत में जिला जेल कोरबा एवं उपजेल कटघोरा में आयोजन किया गया, जिसमें कृष्ण कुमार सूर्यवंशी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा, रमेश कुमार चैहान, न्यायिक मजिस्ट्रेट कोरबा एवं जेल में निरूद्ध बंदियों में से कई बंदियों के प्रकरण प्रतिबंधात्मक धाराओं से संबंधित होते हैं जिसे निराकृत किए जाने हेतु कार्यपालिक मजिस्ट्रेट कोरबा/कटघोरा सहित कुल 04 खण्डपीठ का गठन किया गया था। जेल लोक अदालत का आयोजन कर न्यायिक अधिकारीयो ने स्वयं जेल में जाकर विचाराधीन बंदियों के प्रकरण में बंदियों का कथन अभिलिखित कर अधिक से अधिक विचाराधीन बंदियों के रिहाई किए जाने का प्रयास किया गया।
उक्त वृहद जेल लोक अदालत में जेल में निरूद्ध बंदियों के प्रकरणों में अपराध स्वीकार करना, प्ली बारगेनिंग एवं शमनीय प्रकरण एवं प्रतिबंधात्मक धाराओं से संबंधित में कुल 18 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 03 प्रकरणों का सफलता पूर्वक निराकरण किया गया, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट कोरबा एवं कटघोरा के द्वारा कोई भी प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया। उक्त जेल लोक अदालत में शीतल निकुंज, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा, मान सिंह यादव, चीफ लीगल एड डिफेंस कौंसिल,अनिता चाको, प्रमोद अवस्थी, अधिवक्ता कोरबा, रवि अहूजा, एवं माईकल किस्पोट्टा, अधिवक्ता कटघोरा उपस्थित थे।
सहायक जेल अधीक्षक विजयानंद सिंह के द्वारा उक्त वृहद जेल लोक अदालत विचाराधीन बंदियों के रिहाई किए जाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए जेल लोक अदालत के कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया।