रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव फिलहाल टलते नजर आ रहे हैं। सरकार द्वारा दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने की तैयारी की जा रही है और इसके लिए व्यवस्था बनाने का भी काम शुरू कर दिया गया है।
दूसरी तरफ 17 दिसंबर 2024 को सभी पंचायत और 19 दिसंबर को नगरीय निकायों का आरक्षण की तिथि घोषित कर दी गई किन्तु ऐन वक्त पर एक दिन पहले ही 16 दिसंबर को पंचायतो का आरक्षण स्थगित कर दिया गया। 19 दिसंबर को नगरीय निकायों के वार्डों का आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण कराई गई। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के वार्डों का आरक्षण हो चुका है लेकिन महापौर से लेकर निकायों के अध्यक्ष पद का आरक्षण अभी शेष है। इसके पश्चात जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत के क्षेत्र व पंचायतों का आरक्षण की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। इस प्रक्रिया में भी वक्त लगा है।
पहले माना जा रहा था कि दिसंबर के अंत तक चुनाव की आचार संहिता लागू कर दी जाएगी और इससे पहले आरक्षण की पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी लेकिन जिस तरह से पंचायत का आरक्षण स्थगित कर दिया गया और पंचायतो का कार्यकाल अभी शेष है जो संभवत: 27 जनवरी 2025 को समाप्त होगा। ऐसे में समय से पहले चुनाव कराना भी संभव नहीं। जिस तरह से चीजों को टाला जा रहा है, उससे इस बात के आसार बढ़े हैं कि चुनाव की तिथि अभी और आगे बढ़ेगी।
हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है लेकिन इस बात की चर्चा गर्म हो चलीं है कि चुनाव टलने वाले हैं। फरवरी के बाद विद्यार्थियों की परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाएगा और परीक्षा के वक्त चुनाव करना संभव नहीं दिख रहा। छत्तीसगढ़ बोर्ड, होम एग्जाम और सीबीएसई की परीक्षाओं के बाद चुनाव की तैयारी के आसार दिख रहे हैं और ऐसा हुआ तो नगरीय निकायों और पंचायत के चुनाव मई-जून तक संपन्न कराये जा सकते हैं। वैसे भी सरकार ने कार्यकाल समाप्त होने की तिथि से आगामी 6 माह के भीतर चुनाव करा लिए जाने का अध्यादेश पारित कर लिया है, इसलिए मौजूदा निकायों और पंचायत का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद उसके अगले 6 महीने के भीतर चुनाव करा लिए जाने का रास्ता साफ है। चुनाव में अभी वक्त लगने से जहाँ घोषणाओं की झड़ी लगी रहेगी वहीं दावेदारों को और समय मिला है जो नगरीय निकायों का आरक्षण के बाद प्रत्याशी चयन की दौड़ में लगे हुए हैं साथ ही जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने का भी काफी लंबा समय मिल जाएगा। हालांकि आरक्षण को लेकर बेसब्री पंचायतों में भी बनी हुई है।