Saturday, October 18, 2025

            एक हजार जोड़ने के लिए मेहनत करना पड़ता है, इसलिए पैसे का मोल समझती है ज्योति यादव

            Must read

              महतारी वंदन योजना से हर महीने एक हजार मिलने पर होती है खुशी

              कोरबा 19 जनवरी 2025/ गाँव से लगी एक सड़क किनारे उड़द का बड़ा बनाकर बेचने वाली ग्रामीण ज्योति यादव को भलीभांति मालूम है कि एक हजार रुपए जोड़ने के लिए उन्हें कितना मेहनत करना पड़ता है। बड़ा बनाने के लिए दाल खरीदनी पड़ती है। तेल खरीदना पड़ता है। दाल की सफाई करनी पड़ती है। पानी में भिगाना पड़ता है और इन सारे कामों को करने के बाद मेहनत की जद्दोजहद यहीं खत्म नहीं होती। सुबह जल्दी सोकर उठना है और चूल्हे जलाने से लेकर बड़े पत्थर के लोढ़े- सिलबट्टे को घुमा-घुमाकर दाल पीस कर बड़ा बनाना पड़ता है। सुबह से शाम तक की जद्दोजहद में कई बार 200 से 300 रुपये जोड़ पाना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ज्योति यादव को एक-एक रुपए की कीमत मालूम है और इस बीच जब उनके खाते में हर महीने एक हजार रुपये मिलता है तो वह इन रुपयों को अनावश्यक फिजूल कार्यों में खर्च नहीं करती वह घर के बहुत जरूरी कामों के लिए या फिर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ही सामान खरीदती है।
              कोरबा ब्लॉक के ग्राम पंचायत अजगरबहार के सड़क किनारे ज्योति यादव एक छोटा सा नाश्ते के दुकान लगाती है। वह पिछले एक दशक से ज्यादा समय से सड़क किनारे उड़द के दाल के बड़े बेचती है। इस रास्ते से गुजरने वाले लोग समय मिलने पर ज्योति के हॉटल में नाश्ते के लिए ठहरते हैं। इस दौरान उन्हें बड़े से सिलबट्टे में पीस कर बनाये गए दाल बड़े का स्वाद भाता है। मिर्ची और इमली की चटनी के बीच गरम-गरम दाल बड़ा यहाँ से गुजरने वालों को स्वाद की यादें दे जाता है। यहाँ एक बार दाल बड़े खाने के बाद ग्राहक अगली बार भी इस रास्ते से गुजरने के दौरान यहाँ खाने के लिए आने को जरूर सोचते हैं और ऐसा करते भी हैं, लेकिन यह भी अफसोसजनक है कि इस रास्ते में बहुत ज्यादा गाड़ियां नहीं चलती। जंगल का रास्ता होने और अपनी मंजिल की ओर जल्दी जाने की फिक्र हर किसी को इस छोटे से होटल से वास्ता नहीं करा पाती, शायद इसलिए भी ज्योति यादव के होटल में बनने वाला उड़द का गरमा-गरम बड़ा किसी के मुँह का स्वाद बनने के बजाय ठंडा और नरम होकर बिक नहीं पाता। खैर अपना घर चलाने के लिए हॉटल खोलकर शिद्दत के साथ शुद्ध उड़द दाल के बड़े बनाने वाली ज्योति यादव को खुशी है कि अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सभी महिलाओं को एक हजार रुपए हर महीने दे रहे हैं। वह कहती है कि एक हजार रुपए कमाने के लिए बहुत मेहनत करना पड़ता है। घर चलाने के लिए यह राशि बहुत काम आती है। कई बार होटल में कुछ कमाई नहीं होने पर एक हजार रुपए ही काम आते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी दिनचर्या बहुत व्यस्त होती है। वह अपनी मेहनत से उड़द दाल का बड़ा बनाती है। कुछ जगहों में मिलावट कर बड़ा बेचा जाता है,लेकिन वह ऐसा नहीं करती। कुछ लोग इस बड़ा को खाने के बाद इस रास्ते से गुजरने के बाद जरूर आते हैं।

                  More articles

                  - Advertisement -

                          Latest article