Sunday, June 8, 2025

        यहां जमीन के अंदर से निकली थी मां काली की मूर्ति, कालीचौड़ मंदिर में मत्था टेकने से पूरी होती है हर मुराद

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          उत्तराखंड में स्थित कालीचौड़ मंदिर में नवरात्रि के दौरान लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। यहां भक्त जो भी अधूरी इच्छा लेकर आते हैं देवी काली उसे जरूर पूरा करती हैं।

          हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च 2025 से होगा। चैत्र नवरात्रि का समापन 6 अप्रैल को होगा। यह देवी दुर्गा के उपासना का समय होता है। नवरात्रि के दौरान हर देवी भक्त माता रानी की भक्ति में पूरी तरह डूबा रहता है। नवरात्रि में देश के प्रसिद्ध देवी मां के मंदिरों में खास पूजा-अर्चना की जाती है। खासतौर से नवरात्रि में देवी शक्तिपीठ मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती है। तो आज हम देवी माता के उस मंदिर के बारे में बात करेंगे जो चमत्कारों से भरा हुआ है। तो चलिए जानते हैं उत्तराखंड में स्थित कालीचौड़ मंदिर के बारे में। 

          कालीचौड़ मंदिर से जुड़ी मान्यताएं

          प्रसिद्ध कालीचौड़ मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले के काठगोदाम में स्थित है। यह मंदिर काली माता को समर्पित है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार, यहां काली माता की मूर्ति जमीन खुदाई के दौरान निकली थीं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, साल 1942 से पहले कलकत्ता में माता रानी ने अपने एक भक्त को सपने में दर्शन देकर उस स्थान के बारे में बताया था जहां मूर्ति दबी हुई थी। इसके बाद वह भक्त उस स्थान पर पहुंचता है और जमीन की खुदाई कर मां काली की मूर्ति को बाहर निकालता है। वहां देवी काली के साथ अन्य मूर्तियां भी थी जिसे भी बाहर निकाला गया। इसके बाद फिर वहीं जंगल के बीच काली माता का मंदिर स्थापित किया गया, जिसे आज कालीचौड़ मंदिर के नाम से जाना जाता है।

          ऋषियों की तपस्या का केंद्र है कालीचौड़ मंदिर

          बताया जाता है कि प्राचीन काल से ही कालीचौड़ मंदिर ऋषि-मुनियों की तपस्या का केंद्र रहा है। धार्मिक मान्यता है कि सतयुग में सप्तऋषियों ने इसी स्थान पर भगवती की आराधना कर अलौकिक सिद्धियां प्राप्त की थीं। कहा जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य  जब उत्तराखंड आए थे तो वह सबसे पहले कालीचौड़ मंदिर आए थे। यहां उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया था।

          नवरात्रि और शिवरात्रि में उमड़ती है भक्तों की भीड़

          कालीचौड़ मंदिर में नवरात्रि और शिवरात्रि के समय लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ माता रानी के दर्शन के लिए आती है। जो भी भक्त सच्चे मन से देवी काली के चरणों में अपने शीश झुकाता है उसके सभी दुख-तकलीफ दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं कालीचौड़ मंदिर में  माता काली के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

          Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज अग्रदूत डॉट कॉम इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है

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