Sunday, February 16, 2025

          पल और कल की अनुभूतियां

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          जीवन में, गुजरे हुए पलों को कभी रोक कर देखा जो नहीं,
          आखों में कल के लिए
          आने वाले सपनों को कभी सोकर देखा जो नहीं
          ‘पल’ और ‘कल’ में, इतने गहरे संबंध होते हैं,
          तंग दिल, कभी सोचा जो नहीं…!
          वो पल और वो लम्हे
          जो आज गूजर चुके हैं
          एक ख्वाब की तरह
          एक हसीन एहसास की तरह!
          आज इस पल में,
          सिर्फ मै हूँ – – बस मै हूँ
          अपनी सासों के साथ,
          कुछ अरमानों के साथ,
          जिसे इन्तज़ार है, फिर से उन खूबसूरत पलों का
          इन्तजार है!
          उन जिंदादिल लोगों के साथ!
          अनुभूतियां जीवन के पलों और कल के अटूट संबधों से जुड़ा होता है,
          ये वो माला है, जो चिरन्तन जन्म से मृत्यु तक,
          गले में धारण करना पड़ता है।
          इसलिये कहना पड़ता है
          वर्तमान में बिताए पल ही अपना है,
          बाकी सब कुछ सपना है,
          क्योंकि आने वाले कल के पल को कोई देखा जो नहीं, सोचा तक नहीं।

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