Saturday, December 14, 2024

        पीएचई विभाग की उदासीनता या कुछ और:  बूंद – बूंद पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण

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        कोरबा। जल संकट का समाधान करते हुए घर-घर तक पानी पहुंचाने की योजना अब भी कई इलाकों में सफल नहीं है,खासकर ग्रामीण अंचलों में। नल जल योजना में निर्माण विगत 4 वर्षों से पूर्ण हो चुका है, उसके बावजूद ग्रामीणों को चार बूंद भी पानी नहीं मिल पाया है।
        मामला कोरबा जिले के करतला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पकरिया का है। यहां नल जल योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण पूरा हुए 4 वर्ष हो गया है, उसके बाद भी आज तक लोगों को पानी नसीब नहीं हुआ। ये हालत तब है जबकि हर साल गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले बैठकें लेकर शासन-प्रशासन द्वारा पेयजल आपूर्ति दुरुस्त कर लेने की हिदायत पीएचई विभाग सहित संबंधित अन्य विभाग को दी जाती है। समय रहते समस्या दूर कर लेते तो ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलती और सरकार के लाखों रुपये भी बर्बाद नहीं होते।
        0 हैंडपंप व सिन्टेक्स का सहारा
        इस ओर विभाग द्वारा तो अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा रहा है बल्कि ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत मद से पानी की समस्या के लिए हैंडपंप में सिंटेक्स की टँकी लगाकर समाधान के लिए पहल किया गया है। उधर लाखों रुपये खर्च करके तैयार पानी टंकी सफेद हाथी साबित हो रहा है। ठेकेदार द्वारा शासन-प्रशासन और ग्रामीणों को गुमराह करने के लिए निर्माण स्थल पर सूचना बोर्ड तक नहीं लगाया गया है जिससे लोगों को काम शुरू करने एवं काम पूर्ण करने का सही समय का पता चल सके और लागत राशि की जानकारी लोगों को मिले। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार की लापरवाही के कारण वे पानी के लिए तरस रहे हैं व योजना का सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ कलेक्टर के द्वारा बार-बार बैठक लेकर जिला भर में पानी की दिक्कतों को जल संबंधी योजनाओं से दूर करने के निर्देश दिए जा रहे हैं किंतु इनका पालन अपेक्षित गति से नहीं हो रहा है।

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