Thursday, December 5, 2024

        संतान की दीर्घायु और खुशहाली की कामना के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी व्रत 

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        कोरबा। संतान की दीर्घायु और खुशहाली की कामना के लिए माताओं ने शनिवार को हलषष्ठी का व्रत रखा। इस बार तिथि को लेकर संशय है। जिसे लेकर रविवार को भी हलषष्ठी व्रत और पूजा होगी। जिले में शहर सहित उप नगरीय क्षेत्र में भी हलषष्ठी यानी आज के दिन माताओं ने सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लिया। इसके बाद घर या बाहर कहीं भी दीवार पर भैंस के गोबर से छठ माता का चित्र बनाया। फिर भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की पूजा कर छठ माता की पूजा की।

        कई जगह माताओं ने घर में ही गोबर से प्रतीक रूप में तालाब बनाकर, उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पेड़ लगाए और वहां पर बैठकर पूजा अर्चना की। हल षष्ठी की कथा सुनाई गई। हलषष्ठी के दिन संतान की प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए माताएं व्रत रखती हैं। नवविवाहित स्त्रियां भी संतान की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं। बलराम जयंती होने के कारण बलराम व भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा भी की जाती है।हलषष्ठी का व्रत जिसे खमरछट भी कहा जाता है इस दिन सभी मातायें अपने – अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना कर निर्जला व्रत रखती हैं।  हलषष्ठी देवी का कथा सुनते हैं सगरी बनाकर पुजा पाठ करते हैं। अपने पुत्रों के पीठ पर पोती लगाते हैं।छ: प्रकार के भाजी और लाल चावल की मान्यता है। खमरछट के त्योहार पर लाल चावल जिसे पसहर चावल भी कहा जाता है इस दिन पर लाल चांवल का भात(खाना) बनाकर खाने का रिवाज है और इसके साथ छ: प्रकार के भाजी जैसे मुनगा भाजी,चरोटा भाजी,चरपनिया भाजी, कुम्हड़ा भाजी,करमत्ता भाजी,चेंच भाजी आदि सभी को मिलाकर सब्जी बनाया जाता है। महुआ, करोंदा,धनमिर्ची आदि सभी प्रकार के प्राकृतिक रूप से उपज फलों का सेवन कर सभी माताएं अपना व्रत पारण करती हैं।

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