01 जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 के बारे में जिले के सभी थाना/चौकी में जनता को दी गई विस्तृत जानकारी
जांजगीर – चांपा।शासन के मंशाअनुरूप नये संशोधित कानूनो का क्रियान्वयन पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा के निर्देशन में 01 जुलाई 2024 से लागू नवीन कानून (BNS), (BNSS), (BSA) क्रियान्वयन उत्सव कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 01.07.2024 को जिले के समस्त थाना/चौकी में गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में किया गया।
इसी क्रम में विवेक शुक्ला (IPS) पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा द्वारा थाना चाम्पा में नवीन कानूनो को क्रियान्वयन उत्सव का शुभारंभ किया गया तथा कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगो को नवीन कानून के संबंध में विस्तृत जानकारी देकर बताया कि नवीन भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य आम जनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है, इसलिए नवीन कानून के बारे में सभी पुलिस अधिकारियों एवम सभी जनता को जानकारी होना बहुत आवश्यक है। अपराधियों के लिए नए कानून में गंभीर सजा का प्रावधान किया गया है।
मॉब लिचिंग, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (2) में एक नया प्रावधान है, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि जब पांच या इससे अधिक ब्यक्तियों का समूह मिलकर नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्गित, विश्वास या किसी अन्य आधार पर हत्या करता है तो समूह के प्रत्येक सदस्य को मृत्यूदंड या आजीवन कारावास का दण्ड होगा और जुर्माना भी देना होगा जिसके संबंध में विस्तृत जानकारी दिया गया तथा नये कानून में दण्ड से न्याय की ओर ले जाने के लिए तथा महिला एवं बच्चो से संबंधित कानून को संवेदनशील बनाया गया है तथा महिला एवं बच्चो से संबंधित अपराध में कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है।नये कानून में संगठित अपराध को परिभाषित करते हुए कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है। पुलिस अधीक्षक जांजगीर द्वारा आस्वस्त किया गया कि नये कानून में पुलिस आम जनता की मदद करेगी तथा उनमें जागरूकता लायेगी।
अति. पुलिस अधीक्षक जांजगीर राजेन्द्र कुमार जाससवाल द्वारा थाना जांजगीर में नवीन कानूनो को क्रियान्वयन उत्सव का शुभारंभ किया गया तथा कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगो संज्ञेय अपराध एवं असंज्ञेय अपराध की विस्तृत जानकारी तथा जमानती धारा में आरोपी को जमानत का अधिकार है जिसके संबंध में लोगो को बारिकी से जानकारी दिया गया। तथा इसी प्रकार गैरजमानती मामला में थाना से आरोपी को पुलिस द्वारा जमानत नही दिया जा सकता है, माननीय न्यायालय में आरोपी को विधिवत् पेश किया जाता है तथा माननीय न्यायालय द्वारा ही आरोपी को जमानत दिया जाता है। तथा नवीन कानून के अंतर्गत आवेदक / शिकायतकर्ता को उसके द्वारा की गई रिपोर्ट की प्रगति की जानकारी समय-समय पर पुलिस द्वारा उपलब्ध कराया जावेगा।
SDOP चाम्पा युदमणि सिदार द्वारा थाना चाम्पा में नवीन कानूनो को क्रियान्वयन उत्सव कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगो को बताया कि भारतीय दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है। इन नए कानूनों का उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, नागरिक केन्द्रित, अभियुक्त केन्द्रित, पीड़ित केन्द्रित कानून एवं कल्याणकारी अवधारणा, अभियोजन को मजबूती प्रदान करना, न्याय को नागरिक अनुकूल बनाना, उचित नियंत्रण और संतुलन के साथ पुलिस का सामंजस्यपूर्ण बनाना, प्रक्रियाओं की सरलता एवं संक्षिप्त ट्रायल को सरल बनाना, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक (फोरेंसिक), डिजीटल एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के प्रावधान के साथ समयबद्ध प्रक्रिया का पालन किया जाना है। नए कानूनों में पुराने प्रचलित संहिताओं की धारा संख्या में परिवर्तन के साथ कई स्थानों में परिभाषाओं और प्रक्रियाओं में समयानुकूल परिवर्तन किए गए हैं। जिससे कानूनी प्रक्रिया सरल हो।
नवीन कानून के क्रियान्वयन उत्सव में थाना जांजगीर में उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय विजय प्रसाद पैकरा, रक्षित निरीक्षक प्रदीप कुमार जोशी, निरीक्षक प्रवीण कुमार द्विवेदी, मीडियागण और गणमान्य लोग उपस्थित हुए एवं सभी ने कार्यशाला में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।